आर्य समाज कोई नया मत या संप्रदाय नहीं है! ,आर्य समाज संपूर्ण रूप से वैदिक ज्ञान पर आधारित है और वेदानुकूल वैदिक साहित्य और सत्य सनातन वैदिक धर्म को ही सर्वोपरि मानता है | आर्य समाज सोये भारत को ही नहीं सोये विश्व को जगाने वाली महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा आरंभ की गई एक क्रांति है |आर्य समाज भारत की ऋषि परंपरा का संवाहक है | हमारे पूर्वज समस्त ऋषि मुनि, योगी, तपस्वी ,विदुषी, मनीषी,महापुरुष राम ,कृष्ण ,आदि ये सभी भी आर्य थे और यहाँ तक की हमारे सम्पूर्ण इस देश का नाम भी आर्यावर्त था |
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Friday, March 23, 2012
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